नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने दिल्ली विधानसभा में सत्ता परिवर्तन को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वैचारिक जीत घोषित किया है। उन्होंने कहा कि जेल से जमानत पर छूटने के बाद अरविंद केजरीवाल एक चुनावी सभा में अपने मन के विचार प्रकट करते हुए दिल्ली के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि यदि दिल्ली की जनता मुझे दोबारा जेल में देखना चाहती है तो चुनाव में कमल का बटन दबा देना। दिल्ली की जनता पर अरविंद केजरीवाल की अपील का गहरा असर पड़ा और उसने अरविंद केजरीवाल को दोबारा जेल भेजने का जनादेश सुनते हुए एकजुट होकर कमल का बटन दबाया।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए दिल्ली में गठित होने जा रही नई भाजपा सरकार से दिल्ली की जनता के जनादेश का पालन करते हुए अरविंद केजरीवाल को तुरंत जेल भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य का विषय है कि भ्रष्टाचार समाप्त करने और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने के खिलाफ आंदोलन से राजनीतिक जन्म लेने वाले अरविंद केजरीवाल अपने पास सबूत होने का दावा करने के बाद भी एक भी भ्रष्टाचारी नेता को जेल नहीं भेज सके। इसके विपरीत वो स्वयं भ्रष्टाचार के आरोप में जेल यात्रा कर चुके हैं और दोबारा जेल जाने की तलवार उनके सिर पर लटक रही है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर यशपाल सिंह ने आम आदमी पार्टी के सत्ता से बेदखल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केजरीवाल के दोबारा जेल जाते ही आम आदमी पार्टी बिखर जाएगी। आप के आधे से अधिक विधायक स्वेच्छा से भाजपा का दामन थाम लेंगे और उसके कार्यकर्ताओं में भी अन्य राजनीतिक दलों में शामिल होने की होड मच जाएगी। निकट भविष्य में आम आदमी पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता ने बुराड़ी विधानसभा से लगातार चौथी बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित होने वाले संजीव झा से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है। संजीव झा ने एक टी वी चैनल पर कहा था कि यदि वो 50 हजार वोटों से कम वोट से जीते तो वो विधायक पद छोड़ देंगे। संजीव झा मात्र 20 हजार वोटों से जीते हैं, अतः उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देकर अपनी घोषणा पर खरा उतरकर मिसाल पेश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संजीव झा को विधायक पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है।