न्यूज़ रिपोर्ट ….
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने देशभक्त नाथूराम गोडसे जयंती पर उनका स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि महात्मा नाथूराम गोडसे का देश के स्वतंत्रता संग्राम में अविस्मरणीय योगदान रहा। उन्होंने देश को स्वतंत्रता मिलने के दौरान देश विभाजन का पुरजोर विरोध किया और खंडित स्वतंत्र भारत के इस्लामीकरण की योजना को पूरी तरह से ध्वस्त कर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाए रखने में सबसे बड़ा योगदान दिया।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे ने हिन्दू महासभा का राष्ट्रीय महामंत्री पद का दायित्व संभालते हुए हिन्दू महासभा और हिंदुत्व के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे वीर पुत्र धरती पर बहुत कम जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी वध में आरोपित होने के बाद नाथूराम गोडसे का अदालत में दिया गया बयान आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक है। युवा पीढ़ी को उनके बयान का अध्ययन करना और उनके जीवन के महत्व को समझने का प्रयत्न कर स्वयं को देशभक्ति की भावना से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।
जारी बयान के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री ललित अग्रवाल ने नाथूराम गोडसे का स्मरण करते हुए उन्हें सच्चे राष्ट्रपुत्र की उपाधि से विभूषित किया। उन्होंने कहा कि नाथूराम गोडसे को स्वतंत्र भारत में ऐसे पहले बलिदानी होने का गौरव प्राप्त है, जिन्हें भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी ब्रिटिश कानून के अंतर्गत दंड फांसी की सजा दी गई।
हिन्दू महासभा के एक अन्य प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता ने नाथूराम गोडसे को देश का महानायक घोषित करते हुए कहा कि जिस दौर में कांग्रेस देश विभाजन के नाम पर इस्लामिक राष्ट्र पाकिस्तान बनाने के बाद भी भारत और पाकिस्तान के मध्य हिन्दू मुस्लिम आबादी की अदला बदली का विरोध कर मुसलमानों को भारत में ही रोकने और खंडित भारत का भी इस्लामीकरण करने का कुत्सित प्रयास कर रही थी, उस दौर में महात्मा गोडसे ने कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का बड़ी ही वीरता से विरोध किया और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाए रखने में अपना बलिदान दिया। ऐसे अमर बलिदानी को हिन्दू महासभा कोटि कोटि नमन करती है।