भारतीय नववर्ष पर हिन्दू महासभा ने शस्त्र और शास्त्र धारण कर भारत भूमि से जेहादियों और सनातन विरोधियों को खदेड़ने का आह्वान किया – बी एन तिवारी


नई दिल्ली, भारतीय नववर्ष नवसंवत्सर चैत्र प्रतिपदा विक्रम संवत 2082 पर आज अखिल भारत हिन्दू महासभा ने देशवासियों को शुभकामनायें दी है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी भारतीय नववर्ष पर अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर पहुंचे और विद्यार्थी समाज को नूतन वर्ष की शुभकामनाएं दी। उनके साथ हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पवन शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता और दिल्ली के पूर्व उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
हिन्दू महासभा ने चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य का स्मरण करते हुए उनके युग के खोए स्वर्णिम वैभव और सुशासन को पुनः स्थापित करने का संकल्प लिया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय खेल मैदान से एक वीडियो संदेश जारी कर हिन्दू नववर्ष पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उनसे भारत को जेहादमुक्त हिन्दू राष्ट्र बनाने का आह्वान किया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी दी।
बी एन तिवारी ने बताया कि वीडियो के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने देशवासियों को सुख समृद्धि, कल्याण और उन्नति के पथ पर अग्रसर होने तथा भारत को पुनः सोने की चिड़िया और विश्वगुरु बनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सन 1947 में देश के स्वतंत्र होने के बाद सनातनी समाज हिन्दू नववर्ष को भूलकर अंग्रेजी नववर्ष के मद में डूब गया। उन्होंने कहा कि हिन्दू महासभा ने हमेशा सनातन परंपराओं के अनुरूप भारतीय नववर्ष नवसंवत्सर विक्रम संवत चैत्र प्रतिपदा प्रथम नवरात्रि को हिन्दू नववर्ष मनाते हुए सनातन समाज को अंग्रेजी नववर्ष की मानसिक गुलामी से मुक्त करवाने का अभियान चलाती रही है।
बी एन तिवारी ने बताया कि हिन्दू महासभा के वीडियो संदेश में समग्र सनातनी समाज से जाति, पंथ, प्रांत और भाषा का भेदभाव भूलकर एकता की माला में स्वयं को पिरोते हुए सनातन धर्म की भगवा पताका को सम्पूर्ण विश्व में फहराने का आह्वान किया गया है। मदन लाल गुप्ता ने इस अवसर पर पाश्चात्य सभ्यता और परंपराओं पर झुकाव रखने वाली युवा पीढ़ी से कहा कि उनकी जड़ें सनातन धर्म और परंपराओं में निहित है। सनातन धर्म पर घात प्रतिघात सनातनियों का शस्त्र और शास्त्र से विमुख होने का दुष्परिणाम है। उन्होंने हिंदुओं से शस्त्र और शास्त्र धारण कर भारत भूमि से जेहादियों और सनातन विरोधियों को खदेड़ने तथा भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का आह्वान किया।

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