
आगरा, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने ताज महल में उर्स आयोजन पर आपत्ति व्यक्त करते हुए न्यायालय से इस समस्या के निस्तारण की उम्मीद जताई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के निर्देश पर गत 4 फरवरी को हिन्दू महासभा आगरा जिला अध्यक्ष सौरभ शर्मा और हिन्दू महिला सभा की मीना दिवाकर द्वारा सिविल जूनियर न्यायालय आगरा में बीती 4 फरवरी को एक याचिका दायर की गई थी। उस याचिका पर 18 फरवरी को सुनवाई आरंभ हुई। यह जानकारी हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में दी।
बी एन तिवारी ने बताया कि सिविल जूनियर न्यायालय ने याचिका पर अगली सुनवाई हेतु 21 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है। अगली सुनवाई के लिए लंबी तारीख देने पर हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आगरा निवासी संजय जाट ने कहा कि हिन्दू महासभा लंबे समय से ताज महल में उर्स के आयोजन का विरोध करते हुए उर्स के आयोजन पर प्रतिबंध के लिए आंदोलन करती रही है। आंदोलन के दौरान अक्सर हिन्दू महासभा कार्यकर्ताओं पर बेवजह पुलिस वाद दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करती रही है। इसका एकमात्र उद्देश्य हिन्दू महासभा के आंदोलन और आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं का दमन करना रहा है। उन्होंने कहा कि ताज महल हिंदुओं का तेजो महालय शिव मंदिर है, किंतु मुगल बादशाह शाहजहां ने जबरन अधिकार कर उसे मुमताज की कब्रगाह ताज महल में परिवर्तित कर दिया। जब ताज महल के शिवालय में हिंदुओं को पूजा अर्चना का अधिकार नहीं मिला तो मुसलमानों को उर्स के आयोजन की अनुमति देना प्रशासन और पुलिस द्वारा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भेदभाव की नीति को बढ़ावा देना है। हिन्दू महासभा इस भेदभाव को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी।

संजय जाट ने बताया कि आंदोलन और आंदोलनकारियों के दमन का उत्तर देने के लिए हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के निर्देश पर आगरा जिला पदाधिकारियों ने न्यायालय में याचिका दायर की। उन्होंने न्यायालय द्वारा सुनवाई की अगली तिथि 21 अप्रैल निर्धारित करने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दू महासभा इस याचिका पर दैनिक अथवा साप्ताहिक सुनवाई के माध्यम से याचिका का शीघ्र निस्तारण चाहती है।
संजय जाट ने बताया कि सिविल जूनियर न्यायालय ने हिन्दू महासभा की याचिका का शीघ्र निस्तारण करने में असमर्थता व्यक्त की तो हिन्दू महासभा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर बाध्य होगी। उच्च न्यायालय के माध्यम से हिन्दू महासभा ताज महल में उर्स के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश प्राप्त करेगी।